जानिए राजीव दीक्षित जी और उनके जीवन के बारे में

Rajiv Dixit Ji एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता थे । उन्होंने स्वदेशी आंदोलन के माध्यम से अपने हितों के बारे में जागरूकता फैलाने की कोशिश की ।

Rajiv Dixit Ji का जन्म अलाहबाद में हुआ था । अपने पिता राधेश्याम के संरक्षण में राजीव ने बारहवीं कक्षा फ़िरोज़ाबाद के निजी विद्यालय से पूरी की ।

राजीव दीक्षित सन 1994  में उच्चतम शिक्षा के लिए अलाहबाद आ गए । उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से अपनी बी टेक की डिग्री प्राप्त की । राजीव दीक्षित के पास एम् टेक की डिग्री थी तथा उन्होंने वैज्ञानिक के तौर पर एक संक्षिप्त अवधि के लिए कार्य किया । राजीव दीक्षित ऐसे पहले इंसान थे जिन्होंने पेप्सी तथा कोक के खिलाफ सबसे पहले आवाज़ उठाई थी ।

राजीव दीक्षित का निधन 30 नवंबर, सन 2010 को छत्तिश्गढ़ के भिलाई में हुआ था । उन्होंने भारत के महान पुत्र  ए पी जे अब्दुल कलाम के साथ एक वैज्ञानिक के रूप में सीएसआईआर में काम किया। राजीव दीक्षित ने फ्रांस से दूरसंचार में पी.एच.डी. करी ।

राजीव दीक्षित एक वैज्ञानिक थे तथा वे अपनी ज़िंदगी अच्छी तरह से यू.अस.ऐ में व्यतीत कर सकते थे परन्तु उन्होंने जनता के बीच में जागरूकता फैलाने के लिए यह सब छोड़ दिया तथा भारत में लोगो के बीच काले धन, बहुराष्ट्रीय कंपनियों का लूट, भ्रष्टाचार, भारतीयों के अधिकार और आयुर्वेदा आदि के बारे में जागरूकता फैलाना शुरू कर दिया ।

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Rajiv Dixit Ji हमेशा की तरह अपना भाषण एक भारत स्वाभिमान यात्रा के भाग के तौर पर छत्तीसगढ़ के भिलाई में देने वाले थे जहा उनका 30 नवंबर 2010 को निधन हो गया । उनकी मृत्यु का कारण अभी तक किसी को भी नहीं पता चला है तथा उनकी मृत्यु उस समय पर अप्रत्याशित थी । पर उनके शरीर के रंग का काला तथा नीला हो जाना एक बात तो अवश्य ही घोषित करता था की वह भ्रष्ट राजनेताओं या विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों के माफिया की साजिश के द्वारा मारे गए थे जो की यह नहीं चाहते थे की भारतीय जनता को उनके हितों तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक किया जाए । लिहाज़ा, उनकी मृत्यु के बाद किसी भी तरह का पोस्टमार्टम या अन्य टेस्ट्स नहीं करवाए गए तथा किसी भी मीडिया चैनल या न्यूज़ पर एक महान आत्मा की मृत्यु की कोई खबर नहीं दी गयी ।

Rajiv Dixit Ji ने भाषण देने के साथ साथ कई किताबें भी लिखी । उनका ज़्यादातर काम पुस्तकों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के रूप में विभिन्न ट्रस्टों द्वारा प्रकाशित किया गया हैं ।  उनके कुछ प्रकाशन की जानकारियां यहाँ हम आपको दे रहे हैं :

Rajiv Dixit Ji किताबें

  • 4-मात्रा स्वदेशी चिकिस्ता
  • गौ गौवंश विरुद्ध आधार स्वदेशी कृषि [उद्धरण वांछित]
  • गौ माता पंचगव्य चिकित्सा

उनका एक कार्य ऑडियो के रूप में भी प्रकाशित किया गया है जिसका नाम “स्वस्थ्य कथा” है ।

https://www.youtube.com/watch?v=c7BjOTYklrs

Rajiv Dixit Ji ने भारतीयों के हित में कार्य करते हुए यह तर्क भी दिया था की आधुनिकीकरण ने भारतीय किसानो को ज़हर खाने तथा आत्महत्या करने के लिए छोड़ दिया है । भारतीय न्यायपालिका और कानूनी व्यवस्था पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा की भारीतय संविधान अभी भी उन कानूनों और कृत्यों का पालन कर रहा है जो ब्रिटिश राज में बनाये गए थे जबकि उन्हें अपने देश की हालत को समझते हुए बदल लेना चाहिए ।

Rajiv Dixit Ji ने कहा की भारतीय न्यायपालिका और कानूनी व्यवस्था इसे बदलने के लिए किसी भी तरह का बोझ नहीं उठाया है ।

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